देहरादून मेट्रो स्टेशन के आसपास जमीनों का होगा अधिग्रहण


 दैनिक,चैलेंजर रिपोर्टर

आप घर से निकलें, मेट्रो से यात्रा करें और उससे उतरते ही पैदल दूरी पर आपका ऑफिस आ जाए। मेट्रो स्टेशन से पैदल दूरी पर ही अस्पताल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स या स्कूल-कॉलेज की सुविधा मिल जाए। स्टेशन के आसपास ही फ्लैट हो । महानगरों की तर्ज पर देहरादून में यह कल्पना साकार करने के लिए एमडीडीए ने मास्टर प्लान में पहली बार टीओडी यानी ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट जोन का खाका तैयार किया है।


मास्टर प्लान 2041 में शहर के भीतर तीन टीओडी जोन प्रस्तावित किए गए हैं। दरअसल, दून की शहरी आबादी में तेजी से वृद्धि हो रही है। इसके अलावा मेट्रो रेल प्रोजेक्ट भी प्रस्तावित है। आने वाले वर्षों मेट्रो सेवा शुरू होने की संभावना है। मेट्रो स्टेशन पर उतरकर लोगों को अस्पताल, ऑफिस, बाजार या स्कूल-कॉलेज पहुंचने के लिए ऑटो-टैक्सी, बस जैसे साधनों का इस्तेमाल कम करना पड़ेगा।


इसके लिए स्टेशन के आसपास रिहायशी इलाके, सरकारी- गैरसरकारी दफ्तरों के लिए बिल्डिंग, अस्पताल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, पार्क विकसित किए जाएंगे। चीफ टाउन प्लानर शशि मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि टीओडी जोन एक बेहतर विकल्प बनेगा। चूंकि, पुराने इलाकों में खाली जमीन का अभाव रहेगा, ऐसे में पुराने ढांचे को ही बहुमंजिला भवनों में तब्दील करने के लिए लोगों को रियायत दी जाएगी।


 पुरानी बसावट वाले दून में ऐसे इलाके विकसित करना कठिन जरूर होगा, मगर भवन या जमीन मालिकों के लिए रियायतें देकर इसे साकार करने की योजना है। लोगों की सहमति से नए शहर को विकसित किया जाएगा।


क्या है टीओडी नीति: केंद्र सरकार की इस नीति का मकसद वाहनों के कम कम इस्तेमाल को बढ़ावा देना है। एक ही इलाके में रिहायशी और कॉमर्शियल गतिविधियों की सुविधा देना है। आवासीय क्षेत्र में ऑफिस, घर, पार्क से लेकर स्कूल, कॉलेज संग तमाम सुविधाएं मिल सकें, इसके तहत मेट्रो स्टेशन के 500 से 800 मीटर के दायरे को शामिल जाता है।


इन इलाकों में लैंडयूज को मेट्रो प्रोजेक्ट के मद्देनजर रखा गया है। दिल्ली में इसी तर्ज पर टीओटी जोन बनाए गए हैं। सारी आपत्तियों के निस्तारण के बाद ही लागू होगा मास्टर प्लान एमडीडीए के अफसरों ने बताया कि लोग 30 अप्रैल तक लिखित आपत्ति दर्ज करवाएं। उन्होंने कहा कि आपत्तियों के निस्तारण, प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की हरी झंडी के बाद ही मास्टर प्लान लागू होगा।

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