ब्लॉक सरवनखेड़ा थाना गजनेर क्षेत्र में बिना मानक के फल फूल रहा चिकन मटन का अवैध कारोबार

 



खाद्य सुरक्षा विभाग की सरपरस्ती में हो रहा मीट मुर्गा बिक्री का जिले में बड़ा कारोबार


कानपुर देहात ब्यूरो, राघवेंद्र सोनकर

राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक, चैलेंजर रिपोर्टर

कानपुर, देहात। जनपद में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की अनदेखी के चलते जगह-जगह कुकुरमुत्ता की तरीके से मीट-मुर्गा विक्रय की दुकाने बिना अनुमति संचालित हो रही है अगर हम इनके मानकों के अनुसार विभागीय अनुमति की बात करें तो अभी तक जिले में अनुमति के मामले में लाईसेंस सुदा दुकानों का दहाई का आंकडा भी नहीं छुआ जा सका है वही गांव से लेकर नगरीय निकायों तक जगह-जगह प्रतिबंधित स्थलों पर मुर्गा काटकर खुलेआम बेचा जा रहा है अगर हम उनकी दुकानों की संख्या की बात करें तो 5 सैकड़ा से काम नहीं होगी जिसके चलते लोग खासा परेशान भी नजर आ रहे हैं किंतु इस मामले में विभागीय  अधिकारियों की अनदेखी के चलते यह कारोबार कर्ता निडर होकर ऐसे कारोबार पर आमादा दिखाई दे रहे हैं छोटे से छोटे गांव में आधा-आधा दर्जन लोग सड़कों पर खुलेआम ऐसे कारोबार कर रहे हैं रनियां तिगाई जगजीवनपुर रूरा रसूलाबाद सिकंदरा राजपुर पुखरायां बरौर भोगनीपुर मूसानगर झींझक डेरापुर नुनारी गलुवापुर शिवली अमरौधा अकबरपुर नबीपुर मैंथा मलासा सहित विभिन्न बहुचर्चित गांवो तक में प्रतिबंधित स्थलों पर यह कारोबार चरम पर है इस मामले में खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी ऐसे मे खुलेआम कारोबार पर ना तो शिकंजा कस पा रहे हैं और ना ही लाइसेंस जारी कर पा रहे हैं विभाग की कृपा से यह कारोबार चरम पर है और एक दूसरे विभाग पर आरोप लगाकर अपने आप को अधिकारी पाक साफ बता रहे हैं फिलहाल ऐसे कारोबार से स्थानीय लोग काफी परेशान दिख रहे हैं इस मामले में आला अधिकारियों ने विभागीय अधिकारियों पर शिकंजा कसने की बात कही है और निर्माण अनुसार मीट मुर्गे की दुकान संचालित कराये जाने के निर्देश दिए हैं।

क्या है मीट-मुर्गा विक्रय हेतु रजिस्ट्रेशन के लिये नियम/शर्तें......


कानपुर देहात जनपद में मीट मुर्गा विक्रय के लिए आवश्यक नियमों का पालन करना होगा जो कि इस प्रकार हैं 

🎯 मांस व्यापार से सम्बन्धित सभी व्यक्तियों का वार्षिक मेडिकल सर्टिफिकेट प्राधिकृत पंजीकृत चिकित्सक द्वारा जारी किया हुआ हो तथा उसका रिकॉर्ड मौके पर मौजूद हो।

🎯 कटने वाले जानवर का पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा मेडिकल सर्टिफिकेट अनिवार्य होगा। 

🎯 परिसर में खाने, थूकने, नाक साफ करने, पान खाने या किसी रूप में तम्बाकू खाने पर प्रतिषेध होगा।

🎯 संकामक बीमारियों से ग्रसित कर्मकारों को दुकान पर काम करने के लिये प्रतिषेध होगा।

🎯 मांस की दुकान को स्वामियों का यह उत्तरदायित्व होगा कि न केवल दुकानों के अंदर अपितु दुकानों की ओर जाने वाले रास्ते, सड़क की पटरी या अन्य संलग्न स्थान पर उच्च स्तर की स्वच्छता, (विशिष्ट रूप में मांस के कारबार से जनित रक्त, अंतड़ियों के भाग, मांस के टुकड़ो जैसी अस्वच्छ सामग्री के लिय) बनाये रखी जानी चाहिये। 🎯 मांस की दुकान/विकय आउटलैट अधिमानतः सब्जी, मछली या अन्य खाद्य बाजारों से

दूर अवस्थित मांस के बाजार में होनी चाहिये।

🎯 धार्मिक स्थानों के आसपास अवस्थित सभी मांस की दुकानों के दरवाजों पर काला शीशा लगा होगा और दरवाजा आने या जाने के सिवाय हर वक्त बंद रहेगा। 8. धार्मिक स्थान से 50 मीटर की दूरी एवं धार्मिक स्थान से प्रवेश द्वार से दूरी कम से कम100 मीटर होनी चाहिए। 

🎯 मांस दुकान की ऊँचाई 3 मीटर से कम नहीं होनी चाहिये तथा फुल फ्लोर एरिया 4 वर्ग मीटर से कम नही होनी चाहिये। फर्श का ढलान 5 सेमी से कम नहीं होना चाहिये। तथा दुकान में पाँच फिट तक टाइल लगी हो। 

🎯 दुकान में लगी सभी फिटिंग जंग रहित और जंग रोधी होगीं। तथा काम में आने वाली सभी मेजे, रैक, अलमारियों एवं बोर्ड आदि जिंक / एल्युमिनियम / स्टेनलैस स्टील / मार्बल

ग्रेनाइड लगी होगी।

🎯 दुकान के दरवाजे स्वतः बन्द होने वाले होने चाहिये और विकय काउण्टर पर छोटी खिड़की की व्यवस्था होनी चाहिये तथा किसी भी कटे हुये पशु को ऐसी रीति में नहीं रखा जाना चाहिये ताकि बाहर से देखने पर आम जनता को दिखाई पड़े।

🎯 दुकान में हवा का कॉश वेन्टीलेशन होना चाहिये तथा कम से कम एक पंखा और एक एग्जॉस्ट पंखा होना चाहिये। 

🎯 विकय किये जाने वाले मांस के प्रकार को प्रदर्शित करते हुये एक साइनबोर्ड मुख्य स्थान पर लगाया जायेगा। परिसरों में मांस के सिवाय अन्य कोई वस्तु नही बेची जायेगी।

🎯 वधशाला से मांस की दुकानों तक पशु मांस का परिवहन प्रशीतित ऊष्मारूद्ध गाड़ियों में किया जायेगा।

🎯 क्लोरीनिकृत होइड्रोकार्बन, आर्गेनो-फास्फोरस मिश्रणों और सश्लिष्ट पायरिथोयड्स, रोडेन्टिसाइडस आदि का न तो पेस्टिसाइड के रूप में प्रयोग किया जायेगा और न ही मांस की दुकान में रखा जाये। मांस की दुकान में एयर-कर्टेन, फ्लाई-ट्रैप आदि के रूप में मक्खीरोधी व्यवस्था की जानी चाहिये तथा दुकान के स्वामी द्वारा कीटों, कृन्तुकों या हानिकारक चीजों के नियंत्रण के लिये प्रभावी उपायों की व्यवस्था करनी होगी जिससे सम्बन्धित अधिकारी के निरीक्षण के समय दिखाने के लिये परिसर में रखा जाना चाहिये। 

🎯 तराजू का आरूप स्टेनलैरा स्टील या निकिल की कलईयुक्त होना चाहिये तथा चाकू - औजार और हुक स्टेनलेस स्टील के होने चाहिये।परिसर को साफ करने एवं प्रयुक्त होने वाले उपसकरों को धोने के लिये कम से कम 82°C के गर्म पानी करने की व्यवस्था होनी चाहिये एवं हाथों को अच्छी तरह साफ करने के लिये साबुन और नखबुश की व्यवस्था होनी चाहिये। 🎯 अपशिष्ट सामग्री का संग्रहण करने के लिये परिसरों मे पाचालित ढक्कन सहित कूड़ेदान

की व्यवस्था होनी चाहिये।

🎯 फर्श को प्रतिदिन का कारबार आरंभ करने और बंद होने पर समुचित रोगाणुनाशक / डिटर्जेंट / सेनिटाइजर से धोया जाना चाहिये। 

🎯 तैयार मांस को मोमी कागज में पैक किया जायेगा और उसके पश्चात् पोलिथीन के थैले में रखा जायेगा या सीधे ही खाद्य श्रेणी की प्लास्टिक की थैलियों में रखा जायेगा। 🎯 परिसरों को न तो रिहायशी प्रयोजनों के लिये प्रयुक्त किया जायेगा और न ही रिहायशी मकान का हिस्सा बनाया जायेगा।

🎯 दुकान के अंदर पशु/पक्षियों का वध करने पर पूर्ण प्रतिषेध होना चाहिये। 🎯 खाद्य सुरक्षा एवं मानक विनियम 2011 के अन्तर्गत अप्राधिकृत स्रोतों से अभिप्राप्त किया गया मांस जब्त किया जायेगा और नष्ट कर दिया जायेगा।

🎯 इन अनुदेशों का पालन करने में असफल रहने पर व्यतिकमी के विरूद्ध कार्यवाही की जा सकेगी और यहाँ तक की सम्बन्धित प्राधिकारी द्वारा अनुज्ञप्ति भी रद्द की जा सकती है। 

🎯 भैंस के मांस और सुअर की मांस की दुकान के लिये अनुज्ञप्ति अनुदित करने से पूर्व विधि और व्यवस्था की दृष्टि से पुलिस विभाग या सम्बन्धित पंचायतों / नगर पालिकाओं/निगम से अनापत्ति प्रमाण पत्र अभिप्राप्त किया जायेगा।

🎯 व्यापार से सम्बन्धित उपरोक्त सभी तकनीकों और5 प्रशासनिक अनुदेश पूरा करने की शर्त के अधीन रहते हुये खुदरा मांस दुकान अनुज्ञप्ति प्रदान की जायेगी। 

🎯  अन्य सम्बन्धित प्रपत्र 1 कारोबारकर्ता की फोटो एवं आईडी 2-एड्रेस प्रूफ 3-परिसर का विस्तृत फोटोग्राफ तथा उपरोक्त शर्तों को पूरा करने सम्बन्धी शपथ पत्र ।

कुल 28 बिंदुओं पर दुकान संचालक संबंधी नियमावली पूरी करनी होगी जिसको लेकर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारी धृतराष्ट्र की भूमिका निभा रहे हैं इससे भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिल रहा है।






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